पूरा बुंदेलखंड भले ही सूखे की चपेट में हो, बूंद-बूंद पानी के लिए लोग संघर्ष कर रहे हों लेकिन इसी बुंदेलखंड के बांदा ज़िले का एक गांव ऐसा भी है जहां कुंए और तालाब पानी से लबालब भरे हैं, खेतों में धान-गेहूं और सब्ज़ियों की जमकर खेती हो रही है और हैंड पैंपों में हर समय पानी आता है. बांदा ज़िला मुख्यालय से क़रीब बीस किमी दूर जखनी गांव में प्रवेश करते ही गर्मी के मौसम में भी खेतों में उगी सब्ज़ियां दिखने लगती हैं, कुछ खेतों में गेहूं कट चुका है तो अब धान बोने की तैयारी हो रही है और हर तरफ़ पेड़-पौधों की हरियाली दिखती है. पूरे बुंदेलखंड में जल स्तर भले ही दो सौ-ढाई सौ फुट नीचे चला गया हो लेकिन यहां कई कुंए ऐसे हैं कि बाल्टी हाथ में लेक र पानी निकाल सकते हैं. यानी महज़ छह-सा त फुट पर ही पानी है. तालाबों में तो ख़ैर पानी भरा ही है. ऐसा नहीं है कि इस गांव में प्रकृति ने कुछ अतिरिक्त 'कृपा' की है या फिर कोई दैवीय चमत्कार हुआ है बल्कि ये सब यहां के लोगों की सोच, मेहनत और उनकी आपसी एकता का प्रतिफल है. क़रीब पंद्रह साल पहले यहां की स्थिति भी वैसी ही थी जैसी कि बांदा और पूरे ब